टाटा उद्योग समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाए जाने से आहत साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि कंपनी में उन्हें एक निरीह चेयरमैन की स्थिति में ढकेल दिया गया था। उन्होंने कहा कि निर्णय प्रक्रिया में बदलाव से टाटा समूह में कई वैकल्पिक शक्ति केंद्र बन गए थे। टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को लिखे एक गोपनीय किंतु विस्फोटक ई-मेल में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने का कोई मौका दिए बिना ही भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह के चेयरमैन पद से हटाया गया। मिस्त्री का कहना है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई चटपट अंदाज में की गई। मिस्त्री ने 25 अक्टूबर को लिखे इस ई-मेल में कहा कि 24 अक्टूबर 2016 को निदेशक मंडल की बैठक में जो कुछ हुआ, वह हतप्रभ करने वाला था और उससे मैं अवाक रह गया। वहां की कार्रवाई के अवैध और कानून के विपरीत होने के बारे में बताने के अलावा, मुझे यह कहना है कि इससे निदेशक मंडल की प्रतिष्ठा में कोई वृद्धि नहीं हुई। मिस्त्री के आरोपों के बारे में टाटा संस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। साइरस मिस्त्री ने कहा कि उन्हें समस्याएं विरासत में मिली।